Anju Dixit

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तुम्हारी आदतों में,

 तुम्हारी आदतों को खुदमें ढाल लिया मैने,
खुद को सम्हलना नही आता था,
तब से तुमको सम्भाल लिया मैने।
जिन्दगी में कुछ भी न मुंकिंन नही अंजुम,
इसी सोच के साथ  मुश्किलों को टाल लिया हमने।
कहाँ जाएंगे यह दर्द वे सहारा होकर,
यही सोचकर इन्हें पाल लिया हमने।
तन्हाइयों के साथ अपना रिश्ता गजब का है
जाने क्या बात थी जो तुमको पुकार लिया हमने।

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3 Comments

Zakirhusain Abbas Chougule

06-Feb-2022 01:12 AM

Nice

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Sudhanshu pabdey

03-Feb-2022 09:27 PM

Nice

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Swati chourasia

03-Feb-2022 08:19 PM

Nice

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